Learning Outcomes in Hindi अधिगम प्रतिफल क्या है?

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! , आज हम इस पोस्ट Learning Outcomes in hindi के माध्यम से शिक्षा के लक्ष्यों (Aims of Education) , पाठ्यचर्या के उद्देश्यों (Curricular Goals) , दक्षताओं (Competencies) और अधिगम प्रतिफलों (Learning Outcomes) को समझेंगे। साथ ही इनके बीच के आपसी संबंधों को भी समझेंगे। NCF 2022,2023 मैं इन सब चीजों के लिए क्या-क्या कहा गया है इसको भी विस्तार से समझेंगे। कृपया इस पोस्ट को पूरा पढ़ें बीच-बीच में से न पड़े क्योंकि यह सभी चीज एक दूसरे से संबंधित है। Learning Outcomes in Hindi

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NEP 2020 ने दक्षता आधारित शिक्षा (competency based education) पर जोर दिया । NEP 2020 के आधार पर ही राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF 2023) का निर्माण किया गया जिसमें शिक्षा के प्रत्येक चरण के लिए कुछ दक्षताएं (Competencies) चुनी गई और इन दक्षताओं को आधार मानकर प्रत्येक कक्षा के लिए अधिगम प्रतिफल (Learning Outcomes) तैयार किए गए।

‌‌‌‌‌ इसलिए हमें अधिगम प्रतिफलों को समझने से पहले कुछ चीजों को समझना होगा तभी हम अधिगम प्रतिफलों (Learning Outcomes) को सही से समझ पाएंगे।

किसी भी देश का एक शैक्षिक विजन (Educational Vision) होता है इस शैक्षिक विजन के आधार पर शिक्षा के लक्ष्य (Aims of Education) तय किए जाते हैं । शिक्षा के इन लक्ष्यो की प्राप्ति के लिए शैक्षिक नीतियां लाई जाती हैं जैसे भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लाई गई है। इस शिक्षा नीति ने शैक्षिक विजन (Educational Vision) और शिक्षा के लक्ष्यों को स्पष्ट किया है। NEP के द्वारा तय किए गए शैक्षिक लक्ष्यों के आधार पर पाठ्यचर्या के उद्देश्य (Curricular Goals) तैयार किए गए । पाठ्यचर्या के उद्देश्यों से दक्षताएं (Competencies) निकली और इन दक्षताओं के आधार पर अधिगम प्रतिफल (Learning outcomes) तय किए गए।

इसलिए हमें अधिगम प्रतिफलों (Learning Outcomes) को सही से समझने के लिए शिक्षा के लक्ष्यों, पाठ्यचर्या के उद्देश्यों , दक्षताओं को भी समझना होगा ।

 शिक्षा के लक्ष्य (Aims of education) –

शिक्षा के लक्ष्य शैक्षिक विजन के कथन/ विवरण (Statements) है जो शैक्षिक प्रणाली के सभी सुविचारित प्रयासों को व्यापक दिशा देते हैं- पाठ्यचर्या विकास (Curriculum Development) ,संस्थागत व्यवस्थाएं (Institutional Arrangements) ,फंडिंग और वित्त पोषण (Funding and Finance) , लोगों की क्षमताएं (People’s Capacityes) आदि। शिक्षा के लक्ष्य समान्यतः शिक्षा नीति दस्तावेजों में व्यक्त किए जाते हैं।

उदाहरण के लिए NEP 2020 बताती है कि “ शिक्षा प्रणाली का लक्ष्य अच्छे इंसान का विकास करना है जो विवेकशील , तर्कसंगत विचार और कर्म (Rational thought and Action) करने में सक्षम हो जिसमें करुणा और समानुभूति (Compassion and Empathy) ,साहस और लचीलापन (courage and Resilioence), वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मक कल्पना शक्ति, ठोस नैतिक आधार और मूल्य हो। इसका लक्ष्य हमारे संविधान द्वारा परिकल्पित न्यायसंगत, समावेशी और बहुलतावादी समाज के निर्माण के लिए संलग्न ,उत्पादक और योगदान करने वाले नागरिकों को तैयार करना है।”

शिक्षा प्रणाली के ये लक्ष्य शिक्षा के सभी स्तरों (प्राथमिक शिक्षा ,माध्यमिक शिक्षा ,उच्च शिक्षा) के लिए समान है अलग-अलग स्तरों पर इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अलग-अलग पाठ्यचर्या के उद्देश्य तय किए जाते हैं।

पाठ्यचर्या के उद्देश्य (Curricular Goals) –

पाठ्यचर्या के उद्देश्य ऐसे दिशात्मक वक्तव्य (Directional Statements) होते हैं जो-

  • पाठ्यचर्या के विकास और क्रियान्वयन (Curriculum development and Implementation) को दिशा देते हैं।
  • शिक्षा के लक्ष्यों से प्राप्त होते हैं। (Drived from Aims of education)
  • किसी चरण के लिए विशिष्ट होते हैं। (Specific to a stage) जैसे- फाउंडेशनल स्टेज के लिए अलग उद्देश्य होंगे और प्रिपेरटॉरी स्टेज के लिए अलग ऐसे ही मिडिल स्टेज के लिए भी ।

पाठ्यचर्या के उद्देश्य किसी एक चरण की सभी कक्षाओं के लिए समान होते हैं।

दक्षताएं (Competencies)-

ज्ञान (Knowledge), कौशल (Skills) और मूल्यों (Values) का संयोजन (combination) जो किसी कार्य या गतिविधि को सफलता पूर्वक करने में किसी व्यक्ति की सहायता करता है दक्षता (competency) कहलाता है।

दक्षता आधारित शिक्षा में ज्ञान कौशल और मूल्यों के विकास पर जोर दिया जाता है । इसको हम एक उदाहरण के जरिए समझते हैं माना कि आपको एक कार्य बंदूक चलाने में दक्षता हासिल करनी है तो आपको यही तीन चीजों की आवश्यकता होगी ।

ज्ञान – बंदूक कैसे काम करती है, बंदूक के किस पार्ट का क्या काम होता है और निशान कैसे लगाते हैं की जानकारी।

कौशल- इस जानकारी का प्रयोग करके सटीक निशाना लगाना

मूल्य- आप इस ज्ञान और कौशल का प्रयोग करके सेना में सिपाही बनकर देश की रक्षा करेंगे या डाकू बनकर लोगों को लूटेंगे। 

  • दक्षताएं सीखने की वे उपलब्धियां (learning achievements) हैं जो दिखाई देती हैं (जिन्हें observe किया जा सकता है) और जिनका व्यवस्थित रूप से आकलन किया जा सकता है।
  • यह पाठ्यचर्या के उद्देश्यों से प्राप्त होती हैं।
  • इन्हें चरण के अंत तक प्राप्त करने की उम्मीद होती है।

अधिगम प्रतिफल क्या है? (what is Learning Outcomes in hindi?) –

दक्षताएं एक निश्चित अवध में प्राप्त होती हैं इसलिए सीखने की उपलब्धियों (Learning Achievements) के अंतरिम चिन्हों (Interim marks) की आवश्यकता होती है ताकि शिक्षक सीखने का निरीक्षण और उसे ट्रैक कर सके और लगातार शिक्षार्थियों की जरूरत पर प्रतिक्रिया दे सके यह अंतरिम चिन्ह सीखने के प्रतिफल (Learning outcomes) है।

इस प्रकार सीखने के प्रतिफल सीखने के छोटे मील के पत्थर ( Milestones of learning) हैं और आमतौर पर ऐसे क्रम में प्रगति करते हैं जिससे एक दक्षता प्राप्त होती है।

उदाहरण- एक छोटा बच्चा है जिसने अभी चलना भी नहीं सीखा है और उसे दौड़ने में दक्षता प्राप्त करनी है तो वो सीधे ही नहीं दौड़ने लगेगा और दौड़ने में दक्षता प्राप्त कर लेगा उसे बहुत सारी चीजों को सिखाना होगा बहुत सी स्टेप्स से गुजरना होगा।

जैसे- किसी चीज के सहारे खड़ा होना , बिना सहारे के खड़ा होना , उंगली पकड़कर चलना , बिना किसी के सहारे चलना, थोड़ी दूर तक दौड़ना, बिना किसी समस्या के आराम से दौड़ना। जब बच्चा इन सभी स्टेप्स को एक-एक करके सीखता जाएगा तो वह दौड़ने में दक्षता प्राप्त कर लेगा। यही स्टेप्स दौड़ने की दक्षता के लिए अधिगम प्रतिफल (learning outcomes) है। हम बारी-बारी से इन सभी अधिगम प्रतिफलों को प्राप्त करते जाएंगे तो हम इस दक्षता को अपने आप प्राप्त कर लेंगे।

  • अधिगम प्रतिफल विशिष्ट दक्षताओं को प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को अपनी विषय वस्तु (Content), शिक्षण प्रक्रिया (Pedagogy) और आकलन (Assessment) की योजना बनाने में सक्षम बनाते हैं ।
  • अधिगम प्रतिफल अनिवार्य रूप से दक्षताएं प्राप्त करने के आवश्यक प्रमाण है। सीखने के प्रतिफल विशिष्ट कथन है जो यह बताते हैं कि एक शिक्षार्थी अधिगम प्रक्रिया के बाद वास्तव में क्या करने में सक्षम होगा ।
  • एक दक्षता के लिए एक से अधिक अधिगम प्रतिफल हो सकते हैं। इन्हें आसानी से Observe किया जा सकता है और इनका आसानी से आकलन (Assessment) किया जा सकता है।
  • प्राप्त किए गए सीखने के प्रतिफलों की पहचान सीखने की प्रक्रिया, आकलन और वास्तविक जीवन में सीखने के प्रदर्शन के माध्यम से की जा सकती है।
  • किसी भी टॉपिक को पढ़ने से पहले दक्षताएं और अधिगम के प्रतिफल तय किए जाते हैं फिर इन अधिगम प्रतिफलों के अनुसार विषय वस्तु (Content) तय की जाती है इन्हीं प्रतिफलों के अनुसार शिक्षक रणनीतियां बनाते हैं और अधिगम प्रक्रियाओं का क्रियान्वयन करते हैं , आकलन की रणनीतियां भी सीखने के प्रतिफलों के अनुसार ही तय की जाती हैं।

शिक्षा के लक्ष्यों से अधिगम प्रतिफल तक (Aims of Education to Learning outcomes) –

Aims of education to learning outcomes
शिक्षा के लक्ष्यों से अधिगम प्रतिफल तक

Ncf-fs 2022 और Ncf 2023 एक बहुत ही सुंदर और स्पष्ट अधो- प्रवाह (flow-down) की बात करती है, जो शिक्षा के लक्ष्यों से पाठ्यचर्या के उद्देश्यों से दक्षताओं से सीखने के प्रतिफलों तक जाता है। यह शिक्षा को व्यवहार में उपयोग करने योग्य बनाने के लिए अपेक्षाकृत अमूर्त और समेकित अवधारणाओं को और अधिक ठोस/मूर्त घटकों में तोड़ने और परिवर्तित करने की प्रक्रिया है।

यह अधो- प्रवाह (flow-down) बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि शिक्षक, विद्यालय , रोजमर्रा के जीवन में बहुत ही विशिष्ट ,अवलोकन योग्य और अल्पकालिक सीखने के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जाते हैं जिन्हें सीखने के प्रतिफल के रूप में चिन्हित किया जाता है। 

यदि यह सीखने के  प्रतिफल दक्षताओं से निकले हैं तो जैसे ही हम इन प्रतिफलो को प्राप्त कर लेंगे तो हम उस दक्षता को भी प्राप्त कर लेंगे क्योंकि यह दक्षताएं भी पाठ्यचर्या के उद्देश्यों से निकली है तो जैसे-जैसे हम दक्षताएं प्राप्त करते जाएंगे वैसे-वैसे पाठ्यचर्या के उद्देश्य भी प्राप्त हो जाएंगे और पाठ्यचर्या के उद्देश्य शिक्षा के लक्ष्यों से प्राप्त हुए हैं तो जैसे-जैसे हम पाठ्यचर्या के उद्देश्यों की प्राप्ति करेंगे वैसे-वैसे शिक्षा के लक्ष्य भी पूरे हो जाएंगे।

यानी इस अधो-प्रवाह की वजह से शिक्षकों को सिर्फ अधिगम प्रतिफलों (Learnig Outcomes) पर काम करते हुए इन्हें बच्चों को प्राप्त (Achive) कराना है और शिक्षा के उद्देश्य अपने आप पूरे हो जाएंगे।

अधिगम प्रतिफलों (Learning Outcomes) से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें-Learning outcomes in hindi

ऊपर दी गई इमेज में मैंने समझाने का प्रयास किया है कि शिक्षा के लक्ष्य (Aims of education) पाठ्यचर्या के उद्देश्य (curricular goals) और दक्षताएं (competencies) किसी एक चरण (Stage) के लिए विशिष्ट (Specific) होती हैं । वर्तमान में हमारा शैक्षिक ढांचा 5+3+3+4 का है। जिसका पहला चरण फाउंडेशनल स्टेज है। यानी फाउंडेशनल स्टेज में आने वाली पांचो कक्षाओं के लिए शिक्षा के लक्ष्य (Aims of education), पाठ्यचर्या के उद्देश्य (curricular goals) और दक्षताएं (competencies) समान होगी जिन्हें इस चरण (Stage) के अंत तक प्राप्त करने का लक्ष्य होगा।

वहीं यदि अधिगम प्रतिफलों (learning outcomes) को देखा जाए तो अधिगम प्रतिफल किसी एक कक्षा के लिए विशिष्ट होते हैं यानी उन्हें 1 वर्ष में उसी कक्षा के अंत तक प्राप्त करने का लक्ष्य होता है। फाऊंडेशनल स्टेज के लिए देखें तो फाऊंडेशनल स्टेज की सभी कक्षाओं के लिए अधिगम प्रतिफल अलग-अलग होंगे।

Ncf-fs 2022 में पाठ्यचर्या के उद्देश्यों (Curricular goals) को पांच अभिक्षेत्रों (Domains) में बांटा है।

  1. शारीरिक और गामक विकास ( Physical and Motor Development)
  2. सामाजिक-भावनात्मक और नैतिक विकास (Socio- Emotional and Ethical Development)
  3. संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development)
  4. भाषा और साक्षरता विकास (Language and Literacy Development)
  5. सौंदर्य बोध और सांस्कृतिक विकास (Aesthetic and Cultural Development)

इन सभी अभिक्षेत्र के अंदर कुछ पाठ्यचर्या के उद्देश्य होंगे और सभी पाठ्यचर्या के उद्देश्यों के अंदर कुछ दक्षताएं होगी और सभी दक्षताओं के अंदर कुछ अधिगम प्रतिफल (Learning Outcomes) होंगे । मैंने डायरेक्ट NCF से कुछ उदाहरण उठाकर यहां लगाए हैं इन्हें ध्यान से देखें और समझने का प्रयास करें।

Learning Outcomes in Hindi
NCF से अधिगम प्रतिफल का एक उदाहरण
Learning Outcomes in Hindi
NCF से अधिगम प्रतिफल का एक उदाहरण

 अधिगम प्रतिफल (Learning Outcomes) किसके लिए हैं? –

सीखने के प्रतिफल सिर्फ शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ही नहीं है बल्कि बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों के लिए भी है जिससे बच्चों के माता-पिता भी बच्चों की प्रगति पर नजर रख सकें और अधिगम प्रतिफलों को प्राप्त करने में बच्चों की सहायता कर सकें। यदि अभिभावकों को भी अधिगम प्रतिफलों की जानकारी होगी तो उन्हें पता होगा कि मेरा बच्चा इस क्लास में है वह इन अधिगम प्रतिफलों को प्राप्त कर चुका होगा उन अधिगम प्रतिफलों को परफॉर्म कराकर अभिभावक पता कर सकते हैं कि शिक्षक ने सही से काम किया है कि नहीं।

अधिगम प्रतिफल शैक्षिक प्रशासकों व शिक्षा अधिकारियों के लिए भी हैं क्योंकि अधिगम प्रतिफलों के अनुसार ही किसी भी कक्षा का पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तके तैयार की जाती है। प्रतिफलों के आधार पर ही शैक्षिक रणनीतियां बनाई जाती है। प्रतिफलों की सहायता से ही शैक्षिक अधिकारी विद्यालय की प्रगति पर नजर रख सकते हैं।

अधिगम प्रतिफल विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा समुदाय के लिए भी है। जिससे यह सभी लोग मिलकर बच्चों की प्रगति पर नजर रख सके और इन प्रतिफलों को प्राप्त करने में बच्चों की सहायता कर सके। Learning Outcomes in Hindi

अधिगम प्रतिफलों का इतिहास (History of Learning Outcomes)-

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 , संशोधित नीति 1992 तथा प्रोग्राम ऑफ एक्शन 1992 में इस बात पर बल दिया गया कि बच्चों का न्यूनतम अधिगम स्तर (Minimum Level of Learning) निर्धारित किया जाए और न्यूनतम अधिगम स्तर की प्राप्ति सुनिश्चित करने , बच्चों की प्रगति पर नजर रखने के लिए समय-समय पर उनके सीखने का आकलन किया जाना चाहिए।
  • RTE Act 2009– लगभग एक दशक पहले निर्माणवादी विचारधारा आ जाने से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आए इन्हीं क्रांतिकारी बदलाव को आरटीई एक्ट 2009 में भी देखा जा सकता है। इस एक्ट ने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा के केंद्र में है, विद्यार्थी स्वाभाविक लर्नर है , बच्चा अपने ज्ञान का निर्माण स्वयं करता है , शिक्षा में शिक्षक की भूमिका एक सुगमकर्ता तथा क्रियान्वयन करता की है, समावेशी शिक्षा की भी बात की। पर इस एक्ट ने भी अधिगम प्रतिफलों (Learning outcomes) की बात नहीं की।
  • 2015 में NCERT ने सीखने के प्रतिफल विकसित करने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की।
  • 2017 में NCERT ने प्राथमिक स्तर पर अधिगम प्रतिफल विकसित किये।
  • सीखने के प्रतिफलों को पाठ्यचर्या और मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल करने के लिए 2017 में आरटीई एक्ट में संशोधन किया गया।
  •  इस संशोधन के अनुसार सभी प्राथमिक कक्षाओं के लिए कक्षा बार, विषय बार सीखने के प्रतिफल तैयार करने और निर्धारित सीखने के प्रतिफलों को प्राप्त करने के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन को व्यवहार में लाने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की आवश्यकता है। राज्यों को एनसीईआरटी द्वारा तैयार प्रारूप दस्तावेज पर आधारित अधिगम प्रतिफलों की रूपरेखा तैयार करने की सलाह दी गई जिन्हें विभिन्न राज्य परिषद अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार निर्माण कर सकती हैं।
  • 2019 में एनसीईआरटी के द्वारा माध्यमिक स्तर पर अधिगम प्रतिफल विकसित किए गए।

इस पोस्ट Learning Outcomes in hindi के माध्यम से हमने शिक्षा के लक्ष्यों (Aims of Education) , पाठ्यचर्या के उद्देश्यों (Curricular Goals) , दक्षताओं (Competencies) और अधिगम प्रतिफलों (Learning Outcomes) को विस्तार से समझा और उनके बीच के संबंधों को भी देखा। यह पोस्ट आप सभी को कैसी लगी कृपया कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं। इस पोस्ट के किसी भी टॉपिक को समझने में आपको कोई समस्या हो तो अवश्य बताएं।

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